पहली दफा जब हम मिले थे तो बंधन लवज से हमारा नाता नहीं था...
मुलाकाते ही अक्सर बनादिया करती है मोहबत का रिश्ता ...
पहली मुलाकात का असर न तुझमे था न मुझमे था...
पर शायद एक के दिल में दबा रह गया...
मुलाकात किस्मत का खेल है
आज मिला दिया
कल जुड़ा कर दिया
एक ऐसी ही मुलाकात से हमारी मुलाकात हुई
सोचा नहीं था इतनी खास बन जाएगी ये मुलाकात...
सही कहा है किसने जब तक मुलाकाते नहीं होती तब तक एक दूसरे को जानना मुश्किल है
मुलाकाते होने लगी
लवज मिलने लगे
विचार मिलने लगे
मुलाकाते भी आसान नहीं थी...कभी ठहराव था जीवन का...कभी सच्चाई थी अपनेपन की
धीरे-धीरे मुलाकातों का सिलसिला बढ़ने लगे
मुलाकाते दोस्ती में तब्दील होने लगी...
और कुछ सच्चाइयो से रूबरू होने लगे...
कुछ कड़वी लगी पर वक़त रहते सच्ची लगी...
To be continued...