उसकी मोहब्बत भी किसी फ़कीर की अदा की हुई जुम्मे की नमाज़ की तरह थी ,
जो उसने किसी जुम्मे मेरे लिए अदा की थी और इस जुम्मे किसी और के लिए कर रही होगी ...